नीति पर चलना और अनीति का विरोध करना फितरत में शामिल है मेरी
एक भिखारी , एक सेठ के घर के बाहर खडा होकर
भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग
रहा था | सेठानी काफ़ी देर से उसको कह रही थी ,
रुको आ रही हूं | रोटी हाथ मे थी पर फ़िर भी कह
रही थी की रुको आ रही हूं | भिखारी भजन
गा रहा था और रोटी मांग रहा था |
सेठ ये सब देख रहा था , पर समझ नही पा रहा था ,
आखिर सेठानी से बोला - रोटी हाथ मे लेकर
खडी हो, वो बाहर मांग रहा हैं , उसे कह रही हो आ
रही हूं तो उसे रोटी क्यो नही दे रही हो ?
सेठानी बोली हां रोटी दूंगी, पर क्या है ना की मुझे
उसका भजन बहुत प्यारा लग रहा हैं , अगर
उसको रोटी दूंगी तो वो आगे चला जायेगा , मुझे
उसका भजन और सुनना हैं
यदि प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नही सुन
रहे हैं, तो समझना की उस सेठानी की तरह प्रभु
को आपकी प्रार्थना प्यारी लग रही हैं, इस लिये
इंतज़ार करो और प्रार्थना करते रहो।
!!राधे राधे!!
nice
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